Best Haryanvi Kavita धरतीपुत्र बोलै सै, 2024

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धरतीपुत्र बोलै सै, Haryanvi Kavita

Haryanvi Kavita
धरतीपुत्र बोलै सै,
 क्यूँ सुणता ना भगवान मेरी। 
हो लिया लाचार कति, 
या मेहनत गई बिरान मेरी ।। 
ताती लू और घाम जबर 
मेरा भीज्या गात पसीने में, 
पड़ी काटणी गेंहू मनै रे, 
अप्रैल-मई के महीने में,
 यूँ काला पड़या अनाज हाय 
कति फिकी पड़गी शान मेरी 
धरतीपुत्र बोलै से.... 
जमती ठंड में लाया पाणी
काम्बै मेरी जाड़ी थी, 
धोले फाके ने काली 
मेरी कति फाल पे बाड़ी थी, 
पाणी बिन सुखै खुदा में 
ये ईख ज्वार और धान मेरी
धरतीपुत्र बोलै सै... 
कसक काढ़ ली मेरी जमा 
इन स्प्रे, बीज, दवाईयां नै, 
सब क्याहैं नै भा मिलज्या 
पर भा ना मेरी कमाईया नैं,
कदे करया कराया खोदे तु 
न्यु मुट्ठी में रह जान मेरी..
धरतीपुत्र बोलै सै.. 
रेनु नैन के दिल का दर्द 
मेरी सुणिये अर्ज विधाता हो
डर लागै कदे रहज्या भूखा
दुनिया का अन्नदाता हो 
किसान की देही दहगी तो 
होज्या दुनियाँ श्मशान तेरी ।। 
लेखिका:- रेनू नैन खेदड़

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