Who is the Happiest Person in the World?: दुनिया में सबसे सुखी इंसान कौन है?

Who is the Happiest Person in the World?: हनुमान जी के मंदिर में एक ब्रम्हचारी रहते एकाकी थे, जहाँ वो पूजा करते, भजन कीर्तन करते और बहुत साधारण और सामान्य तरह से जीवन जीते। एक दिन मंदिर में एक अमीर अपने नौकर चाकर के साथ आया। उसके ठाठ बाठ को देख कर ब्रम्हचारी ने सोचा ये व्यक्ति सुखी व्यक्ति होना चाहिए।

Who is the Happiest Person in the World

ब्रम्हचारी ने अमीर व्यक्ति से पूछा-आप काफी सुखी मालूम दिखाई देते हो, अमीर ने कहा- मैं कहा सुखी। मेरी शादी को 15 साल हो गए एक भी संतान नहीं है। यहाँ दूसरे गाँव में रामलाल नाम के एक व्यक्ति रहते है उनके 4 बेटे है, सच्चे अर्थों में वो सुखी है। ब्रम्हचारी उस अमीर की बातें सुनकर रामलाल के पास जाते है और उससे वही सवाल करते है- की आप सबसे अधिक सुखी मालूम होते है। रामलाल कहता है-अरे मैं कहा सुखी ।

Who is the Happiest Person in the World?

मेरे 4 बेटे है एक भी मेरी बात नहीं सुनता। वे गलत रास्ते पर है, इन्होंने मेरा जीना हराम कर रखा है। रामलाल ने ब्रम्हचारी से कहा- यहाँ पास के गाँव में केशवचंद नाम के एक विद्वान 14 पंडित रहते है। वो सबसे अधिक सुखी है। ब्रम्हचारी उसकी बातें सुनकर केशवचंद के पास जाकर कहते है-सबसे सुखी आप ही मालूम होते है। केशवचंद उन ब्रम्हचारी से कहते है-मैं और सुखी ?

मैंने सारा जीवन साधना में लगा दिया फिर भी 2 वक्त की रोटी नहीं जुटा पाता । केशवचंद ने आगे कहा- -यहाँ पास गाँव में एक नेताजी रहते है जो काफ़ी अमीर है और हर तरीके से उनका दबदबा है और वे लोगों की मदद भी करते है सबसे सुखी वहीं है । ब्रम्हचारी उन नेता के पास जाकर वही सवाल पूछते है-की आप सबसे सुखी मालूम होते है। नेताजी कहते है – सुखी और मैं? अभी अभी मैं चुनाव हारा हूँ,

कल जो लोग मेरी तारीफ करते थे आज एकता की ओर वे ही मेरी बुराई कर रहे है, मेरे अपने ही मुझसे दूर हो गए, ऐसा आदमी सुखी कैसे हो सकता है? नेताजी, ब्रम्हचारी से आगे बोले- यहाँ दूसरे गाँव में हनुमानजी का एक मंदिर है वहाँ एक ब्रम्हचारी रहते है मैं उनसे कभी मिला तो नहीं हूँ लेकीन उन ब्रम्हचारी की पूरे गाँव में चर्चा है की सबसे सुखी वही है, आप उनसे जाकर मिलें।

नेताजी की बात सुन कर ब्रम्हचारी को खुद पर शर्म आई क्योंकि नेताजी जिस मंदिर और जिस व्यक्ति की बात कर रहे थे वो, ब्रम्हचारी खुद ही थे। दोस्तों सभी को लगता है की दूसरे सुखी है और हम दुःखी हैं। लेकीन एक बात सोचिए – यदि अभी आपको बहुत से पैसे देकर दूसरे की ज़िंदगी जीने मिले तो आप जीना पसंद करोगे? अभी अचानक से डॉक्टर आपसे कह दें कीआपके दोनों पैर खराब हो गए

आप आज के बाद चल नहीं पाओगे। या आपकी दोनों आँखें खराब हो गई अब आप देख नापाओगे। या कोई ऐसा दर्द जो 24 घंटे आपके पास रहने वाला है तो वो पैसे आपके किस काम आयेंगे? आप कहोगे मेरे अपने परिचित दुःख के एक साथ ही मैं, खुश हूँ। दूसरे से अपनी तुलना करके खुद को दुःखी या कम मत आको। क्योंकिजिससे आप तुलना कर रहे हो, हो सकता है वो आपसे सैकड़ो गुना ज्यादा दुःखी हो ।

इस दुनिया में सबसे ज्यादा सुखी आप हो क्योंकि बहुत से ऐसे लोग होंगे जो अगले वक्त की रोटी का इंतजाम भी नहीं कर पाएंगे। सोने का भी इंतजाम भी नहीं कर पाएंगे। तड़प तड़प कर मर जाएंगे क्योंकि उनका ध्यान देने वाला कोई नहीं होगा। इसलिए आपके पास जो है उसे बेहतर बनाइए और संतुष्ट रहकर जीना सीखिए। क्योंकि संतुष्ट जगह पर ईश्वर का वास होता है।

इतने खूबसूरत जीवन के लिए ईश्वर को धन्यवाद दीजिए. ईश्वर के लिए कमेंट में thankyou जरूर लिखें, इस पोस्ट को शेयर कर देना, आपके एक शेयर से इसे पढ़ कर किसी को हिम्मत जरूर मिलेगी. ऐसी और पोस्ट पढ़ने के लिए तुरंत follow करें. follow कर दीजिए, थोड़ा अच्छे कामों को भी support कर दिया कीजिए. पूरी पोस्ट इतने प्यार से पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया,

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