Basic science जीवद्रव्य (Protoplasm) →Class 6 NCERT Science Gk book
कोशिका के अंदर गाढा द्रव्य पदार्थ होता है जिसे जीवद्रव्य कहते है। यह कोशिका में पाया जाने वाला जीवित पदार्थ है।
जीवद्र्व्य को कोशिका या जीव का जीवन आधार कहा जाता है। क्योंकि इसमें हलचल के कारण ही कोशिका जीवित रहती है।
जीव की सारी जैविक क्रियाएं इसी के द्वारा होती है। यह रंगहीन होता है।
जीवद्रव्य की खोज की 1839 में J.E. Purkenje ने की थी।
जीवद्रव्य 2 भागों में बंटा होता है।
केंद्रक से बाहर का द्रव्य → Cyto – plasm
केंद्रक में द्रव्य → Nucleo – plasm
जीवद्रव्य का लगभग 80% भाग जल होता है। जीवद्रव्य का 99% भाग चार तत्वों से मिलकर बना होता है।
ऑक्सीजन → 76% , कार्बन →10.5% , हाइड्रोजन → 10% , नाइट्रोजन → 2.5 %
जीवद्रव्य में अकार्बनिक एवं कार्बनिक यौगिक का अनुपात → 81:19
केंद्रक → Nucleus
सन 1881 में राबर्ट ब्राउन ने आर्किड की सजीव कोशिकाओं के बीच एक सरंचना देखी जिसे Nucleus या केंद्रक का नाम दिया।
यह कोशिका की सारी गतिविधियों को नियंत्रित करता है इसलिए इसे कोशिका का दिमाग कहा जाता है।
यह कोशिका का सबसे बड़ा कोशिकांग तथा सबसे प्रमुख अंग होता है तथा कोशिका के प्रबंधक के समान कार्य करता है।
नोट :- केंद्रक द्रव्य में धागेनुमा पदार्थ जाल के रूप में बिखरा दिखलाई पड़ता है जिसे क्रोमैटिन कहते है जो DNA और प्रोटीन से मिलकर बना होता है। कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिन सिकुड़कर अनेक मोटे व छोटे धागों के रूप में संगठित हो जाते है जिन्हें Chromosome या गुणसूत्र कहते है।
गुणसूत्रों के ऊपर जीन स्थित होती है तथा पुरुष के गुणसूत्र से लिंग निर्धारण होता है।
कोशिका में 46 क्रोमोसोम होते है।
गुणसूत्रों को वंशागति का वाहक कहा जाता है।
कोशिका विभाजन में सबसे महत्त्वपूर्ण अंग केंद्रक होता है।
प्रोटीन → 85%, RNA → 10%, DNA → 5%
क्रोमैटिन के अलावा केंद्रक में एक सघन गोल रचनाएं दिखलाई पड़ती है जिसे (Nucleolus) केंद्रिका कहते है। इसमें राइबोसोम के लिए RNA का संश्लेषण होता है।
लाईसोसोम
इससे आत्मघाती थैली तथा पाचन थैली भी कहा जाता है। इसे कोशिका का एटम बम भी कहते हैं इसकी खोज D- Duwe ने की थी। यह सूक्ष्म , गोल, इकहरी झिल्ली से घिरी थैली जैसी संरचना होती है। इसका प्रमुख कार्य बाहरी पदार्थों का भक्षण एवं पाचन करना है।
माइटोकांड्रिया (Organization and Function of Mitochondria)
इसकी खोज अल्टामैन ने (1886) में की थी तथा इससे माइटोकांड्रिया नाम बैंडा ने दिया था। यह कोशिका का श्वसन स्थल होता है कोशिका में इनकी संख्या निश्चित नहीं होती है।
OXIDATION में ADP से ATP का निर्माण होता है इसे युकेरियोटिक कोशिका के भीतर प्रोंकेरियोटिक कोशिकाएं माना जाता है।
ऊर्जायुक्त कार्बनिक पदार्थों का ऑक्सीकरण माइटोकांड्रिया में होता है जिससे काफी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है इसलिए माइटोकांड्रिया को कोशिका का उर्जाघर या रसोईघर कहते है।
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