Haryana ki Nadiya | हरियाणा की नदियां

हरियाणा की नदियां (Haryana ki Nadiya) haryana ki nadiya gk, haryana ki nadiya map, हरियाणा में बहने वाली प्रमुख नदियां यमुना, घग्गर, मारकण्डा, टांगरी, सरस्वती, साहिबी, इंदौरी आदि नदियां हैं, जिनके बारे में हम विस्तार में जानेंगे ।

हरियाणा का अपवाह तंत्र, Haryana ki Nadiya

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उत्तर हरियाणा अपवाह तंत्र, Haryana ki Nadiya

उत्तर हरियाणा अपवाह तंत्र के अंतर्गत यमुना नदी, घग्गर – हकरा नदी, कौशल्या नदी, मारकण्डा नदी, टांगरी नदी, सरस्वती नदी, चेटांग नदी इत्यादि आती हैं ।

यमुना नदी

-> यमुना नदी का दूसरा नाम – कालिन्दी नदी ।

-> उद्धगम – उत्तराखंड ( बन्दरपूँछ ) से ।

-> हरियाणा में प्रवेश – ताजेवाला गाँव के उत्तर में कलेसर जंगल से ।

-> हरियाणा के हसनपुर गाँव ( पलवल ) से उत्तर प्रदेश में प्रवेश ।

-> यमुना नदी की लम्बाई 1376 किमी व हरियाणा में कुल लम्बाई 320 किमी ।

-> हरियाणा की एकमात्र बारहमासी नदी ।

-> ऋग्वेदकालीन नदी ( ऋग्वेद में 3 बार वर्णन )

-> यमुना की सहायक नदियां – पथराला नदी, बुढ़ी यमुना नदी, सोम नदी, साहिबी नदी ।

घग्गर-हकरा नदी, Haryana ki Nadiya

-> उद्धगम – डागशाई, सोलन ( हिमाचल प्रदेश )

-> हरियाणा में प्रवेश – कालका ( पंचकूला )

-> पंचकूला, अम्बाला, कैथल, फतेहाबाद, सिरसा जिलों में बहते हुए राजस्थान में प्रवेश ।

-> टिपरा व मोरनी पहाड़ियों के बीच बहती है ।

-> हरियाणा में घग्गर – हकरा नदी की लम्बाई – 241 किमी

-> घग्गर – हकरा नदी हरियाणा की महत्वपूर्ण मौसमी नदी है ।

-> ओटू गाँव ( सिरसा ) में घग्गर नदी पर ओटू बाँध बना है ।

-> घग्गर नदी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में तलवाड़ा झील का निर्माण करती है ।

-> घग्गर की सहायक नदियां – कौशल्या नदी, मारकण्डा नदी, टांगरी नदी, झाझरा नदी

झाझरा नदी -> अब विलुप्त हो चुकी है ।

कौशल्या नदी -> उद्धगम – पंचकूला व सोलन की सीमा पर स्थित पहाड़ियों से

-> पिंजौर के समीप घग्गर नदी में मिल जाती है ।

-> कौशल्या नदी की कुल लम्बाई 30 किमी, हरियाणा में लम्बाई 20 किमी

मारकण्डा नदी -> उद्धगम – नाहन ( हिमाचल प्रदेश ) से

-> हरियाणा में प्रवेश – अम्बाला के काला अम्ब गाँव से

-> मारकण्डा नदी अरुणाय नामक गाँव में अपना अधिकतर पानी सेनिषा झील में गिरा देती है ।

-> इसीलिए मारकण्डा नदी का दूसरा नाम अरुणा नदी है ।

-> मारकण्डा नदी की कुल लम्बाई 120 किमी, हरियाणा में लम्बाई 90 किमी

-> मारकण्डा की सहायक नदियां – रन नदी, बेगना नदी, नकटी नदी

टांगरी नदी -> उद्धगम – मोरनी की पहाड़ियों से ।

-> दक्षिण में छज्जू माजरा गाँव तक बहते हुए मुलाना ( अम्बाला ) के पास मारकण्डा में विलय ।

-> टांगरी नदी घग्गर व मारकण्डा दोनों की सहायक नदी है ।

सरस्वती नदी

-> उद्धगम – सिरमौर की पहाड़ियों से

-> हरियाणा में प्रवेश – आदिबद्री ( यमुनानगर ) में

-> सरस्वती नदी अरुणाय गाँव, पेहोवा में सेनिषा झील, टांगरी व मारकण्डा नदी का पानी उठाकर पंजाब के शतराणा गाँव में गिराती थी ।

-> इस नदी को ऋग्वेद काल की सबसे पवित्र नदी माना जाता है, जो अब विलुप्त हो चुकी है ।

-> सरस्वती नदी के विलुप्त होने का कारण महर्षि वेदव्यास का श्राप माना जाता है ।

-> महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना सरस्वती नदी के किनारे बैठकर कुरुक्षेत्र में की थी ।

-> हरियाणा सरस्वती हैरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड ( HSHDB ) की स्थापना 2015 में पंचकूला में की गई ।

-> हरियाणा में सरस्वती नदी की पुनः खुदाई मुगलावली गाँव ( यमुनानगर ) से शुरू की गई है ।

चेटांग नदी / दृशदत्ती नदी

-> उद्धगम – सिरमौर की पहाड़ियों से

-> हरियाणा में प्रवेश – यमुनानगर में

-> यमुनानगर – लाडवा – करनाल – जींद – हिसार – फतेहाबाद – सिरसा में बहने के बाद भटनेर ( राजस्थान ) में घग्गर नदी में विलीन हो जाती है ।

दक्षिण हरियाणा अपवाह तंत्र, Haryana ki Nadiya

दक्षिण हरियाणा अपवाह तंत्र के अंतर्गत साहिबी नदी व उसकी सहायक नदियां इंदौरी नदी, कृष्णावती नदी व दोहन नदी आती हैं ।

साहिबी नदी

-> उद्धगम – राजस्थान में अरावली श्रेणी ( सीकर ) से ।

-> हरियाणा में प्रवेश – रेवाड़ी जिले से ।

-> नामकरण – सहायक नदियों की संख्या 100 बताए जाने के कारण इसे साहिबी या साबी नदी कहा गया ।

-> दक्षिण हरियाणा की सबसे महत्वपूर्ण नदी ।

-> साहिबी नदी का स्पष्ट मार्ग तीतरपुर – मसानी गाँव तक है तथा कुत्तानी ( झज्जर ) में अनेक जलधाराओं में विभाजित हो जाती है ।

-> सभी जलधाराएं मिलकर सोंधी ( झज्जर ) में एक नदी का निर्माण करती हैं ।

-> साहिबी नदी नजफगढ़ झील में अपना पानी गिराती है ।

-> नजफगढ़ झील पर ढांसा बाँध साहिबी नदी पर ही बना हुआ है ।

-> साहिबी नदी की हरियाणा में लम्बाई 120 किमी है ।

-> साहिबी नदी की सहायक नदियां – इंदौरी नदी, कृष्णावती नदी, दोहन नदी ।

इंदौरी नदी -> उद्धगम – इंदौर दुर्ग, मेवाती पहाड़ियों से ।

-> इंदौरी नदी दो शाखाओं में विभाजित है -> 1- कोट कासिम ( राजस्थान ) के नजदीक साहिबी में विलीन । 2- पटौदी में साहिबी नदी में विलीन ।

कृष्णावती नदी -> उद्धगम – नीम का थाना क्षेत्र ( राजस्थान ) से ।

-> महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम जिलों में बहती थी ।

-> सुरेती, छुछकवास, नीमराना गाँवों में सिंचाई के लिए उपयोगी ।

-> अब विलुप्त हो चुकी है ।

दोहन नदी -> उद्धगम – नीम का थाना क्षेत्र ( राजस्थान ) से ।

-> हरियाणा में 50 किमी बहती है ।

-> महेंद्रगढ़ जिले में आकर विलुप्त हो जाती है ।

दोहन नदी की उत्तपति ग्रंथों के अनुसार भृगु ऋषि की पत्नी पौलिमा के नेत्रों से मानी जाती है ।

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