नमस्कार दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हम आपको How to ignore Negative Thoughts के बारे में बताएंगे। युवाओं में negative thoughts तेजी से हावी होते जा रहे हैं। विषय विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लंबे समय तक negative thoughts हमारे दिलों दिमाग पर हावी रहे, तो यह कुंठा को जन्म दे सकती है।
टेलीविजन अखबार या फिर फिल्मों में आज जिस तरह की जीवन शैली को दिखाया जा रहा है, उसे देखकर समाज का नजरिया बदलना स्वाभाविक है।
एक जमाना था जब बच्चों को यह सिखाया जाता था कि संतोष सबसे से बढ़कर होता है।इससे उनके भीतर प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी इच्छा और आवश्कता के बीच फर्क करने की समझ विकसित होती थी।
यही वजह थी कि यदि उन्हें कोई चीज हासिल नहीं हुई तो वह उसके बारे में नेगेटिव सोचने की बजाय दोगुने उत्साह के साथ फिर से कोशिशों में जुट जाते थे।
How to avoid negative thoughts
1.इच्छाएं सीमित रखें:-
आज हालात ऐसे हैं कि हमारी इच्छा पर्स में बढ़ती जा रही हैं, भले ही वह हमारी आवश्यकता हो या न हो।
एक पेन का काम है लिखना चाहे उसकी कीमत ₹5 हो या फिर ₹500, यानी लिखने के लिए हमारी आवश्यकता पेन है। यदि आपकी इच्छा ₹500 वाले पेन से लिखने की हो और उसके लिए आपके पास पर्याप्त पैसे में हो तो आप क्या करेंगे? बिना वजह की हीन भावना पाल लेंग ?
सच तो यह है कि इच्छा पूरी न होने पर युवा यह मान बैठते है कि दोस्तों के बीच उनकी नाक कट जाएगी या फिर फ्रेंड सर्कल में खुद को असहज महसूस करेंगे, जबकि सच तो यह है कि जिस चीज की वह इच्छा करते हैं, वह उनकी आवश्यकता होती ही नहीं। दरअसल, आप अपनी इच्छाओं को जितना अधिक बढ़ाएंगे, उनके पूरा ना होने पर negative thoughts के दलदल में उतने ही फसते चले जाएंगे।
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2.संतुष्ट होना सीखें:-
जीवन में संतुष्टि की जो अनुभूति है, वह 2 तरह से जाती है। पहली, यह है कि आपके भीतर हमेशा सकारात्मक भाव बने रहें, भले ही कोई कुछ भी कहे। दूसरा, यह कि चाहे आप पूरी तरह सकारात्मक न बन पाएं, लेकिन बहुत हद तक नकारात्मक भावनाओं को अपने से दूर रख पाने में सफल रहे।
दरअसल, ऐसा तभी हो पाएगा, जब हम छोटी सी घटना को तिल का ताड़ बनने से रोक दें।
मान लो कि किसी ने आपको गाली दी। निश्चित रूप से इससे आपके स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी। उसने ऐसा क्यों कहा ? यह सोचकर आप प्रतिक्रिया में ऐसा व्यवहार करने पर उतारू हो सकते हैं, जो एक सभ्य व्यक्ति के लिए नैतिक रूप से गलत कहा जाता है।
3.भावनाओं के उबाल से बचें :- How to ignore Negative Thoughts
सहनशीलता का अभाव और भावनाओं का उबाल ही हमें उतावला बना देता है और यही से मन में negative thought अपनी जड़ें जमाना शुरू कर देते हैं।
परीक्षा में फेल हुआ कोई छात्र यह समझ ले कि वह कभी पास हो ही नहीं सकता, तो इसे पूरी तरह नकारात्मक विचार माना जाएगा। हो सकता है कि इससे उसके मन में उठा कर कर जाए वह आगे चलकर पढ़ाई से ही विमुख हो जाए।
वहीं सकारात्मक विचार वाला छात्र अपनी कमियों को दूर करके फिर से कड़ी मेहनत करने लगता है। वहीं, नकारात्मक भाव से बहुत हद तक खुद को बचाने वाला छात्र यह सोचता है कि भले ही वह फेल हो गया हो, लेकिन यदि अगली बार कोशिश करें, तो पास भी हो सकता है।
दरअसल, negative thought का त्याग करने से ही हमारे मन में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होने लगता है।
निष्कर्ष, How to ignore Negative Thoughts
- इच्छा और आवश्कताओ के बीच अंतर करना सीखे यह जरूरी नहीं आपके इच्छा करने मात्र से हर चीज आपके पास होगी।
- जिम्मेदारियां लें,उनसे बचने की कोशिश ना करें।
- जीवन शैली को संयमित बनाएं। दूसरों को माफ करना सीखें।
- प्रकृति से निकटता कायम करें, फिर देखें कि किस तरह negative thought छू – मंत्र हो जाती है।
- कल्पना की दुनिया से निकल कर रियल दुनिया में जीने का प्रयास करें।