Teacher day kab hai: जानें कब और क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस

Teacher day kab hai: teachers day kiski yaad me manaya jata hai शिक्षक प्रत्येक समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वह लोगों को जीवन में सही राह दिखाता है। किसी भी समाज की तरक्की शिक्षक पर निर्भर करती है। कुछ देश में किसे पूर्ण छुट्टी के साथ मनाया जाता है तो कुछ देश में कार्य करते हुए मनाया जाता है। भारत में हर साल टीचर्स डे कार्य करते हुए 5 सितंबर को मनाया जाता है।

Teacher day kab hai

भारत के सभी नागरिक हर साल 5 सितंबर को अपने भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन सर्वपल्ली के जन्म दिवस के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाते हैं। शिक्षक को आदर सत्कार और सम्मान देने के लिए विश्व के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है।

आज इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम शिक्षक दिवस से जुड़ी कुछ आवश्यक जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत करने जा रहे है। इसे पढ़कर आप समझ पाएंगे कि शिक्षक का समाज में क्या महत्व होता है। शिक्षक दिवस क्यों, कब और कैसे मनाया जाता है जैसी कुछ जानकारियों को प्राप्त करने के लिए हमारे इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

Teacher Day Kab Hai 2024 (टीचर डे कब है 2024)

शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित डॉ. राधाकृष्णन इस सूची में शीर्ष पर हैं। कई महत्वाकांक्षी मस्तिष्कों के लिए आदर्शों में से एक डॉ. राधाकृष्णन हैं। विश्व शिक्षक दिवस राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के ठीक एक महीने बाद 5 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता था।

दो अवसरों को मनाने के लिए, शिक्षकों के सम्मान में दो दिन अलग-अलग तारीखों पर मनाए जाते हैं। भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षकों की स्थिति, शिक्षण विधियों और कानूनी अधिकारों को संबोधित करने वाली 1966 की सिफारिशों की मंजूरी को विश्व शिक्षक दिवस पर मनाया जाता है।

भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में अधिकांश लोग डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जानते है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तुर्रमनी नाम के गांव में हुआ था। राधाकृष्णन बचपन से ही किताबों के बड़े शौकीन थे गरीब परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से भी ज्यादा किताबें खरीद नहीं पाते थे, मगर घंटों अपने स्कूल और विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में बैठे रहते थे और अलग-अलग तरह की किताबों को पढ़ते रहते थे। अपने डॉक्टरेट की पढ़ाई को पूरा करने के बाद वह एक शिक्षक के रूप में कार्य करने लगे।

प्रोफेसर के रूप में कार्य करते हुए “डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन” अपने छात्र छात्राओं के बीच अपने अनूठी पढ़ाने की तकनीक की वजह से प्रचलित बने। हालांकि देश की स्थिति खराब होने की वजह से एक कर्मठ, भावी और समझदार राजनेता की जरूरत थी तब अपने इलाके के कुछ राजनीतिज्ञ के लिए उन्होंने अपना कदम राजनीति में रखा। धीरे-धीरे सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजनीति में काफी प्रचलित हुए और भारत के पहले उपराष्ट्रपति के रूप में चयनित हुए।

इसके बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद की मृत्यु के पश्चात डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दूसरा राष्ट्रपति बनाया गया। अपने बेहतरीन कार्य से देश को संभालते हुए राधाकृष्णन जी की मृत्यु चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 को हुआ। इसी दौरान उन्हें भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया और 5 सितंबर जो उनका जन्म दिवस था उस दिन भारत में भारतीय शिक्षक दिवस का ऐलान किया।

सब जानते हैं कि भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। हम आपको बता देना चाहते हैं कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ था और भारत के राष्ट्रपति होने के अलावा राधाकृष्णन जी एक प्रचलित शिक्षक थे जिस वजह से इस दिल को शिक्षक दिवस के रूप में उन्हें समर्पित किया गया।डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तुर्मणी नाम के गांव में हुआ था।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक सामान्य घर से ताल्लुक रखते थे गरीबी के कारण वाह अधिक किताबों को खरीद नहीं पाते थे मगर सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति पाकर उन्होंने विदेश से अपनी शिक्षा को पूर्ण किया। हमारे पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने जीवन में स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे।

शिक्षक दिवस कब है (Teacher day kab hai)

वैसे तो शिक्षक का कोई खास दिन नहीं होता हमें हर दिन शिक्षक की इज्जत करनी चाहिए उनके सामने अपने सर को नमन करना चाहिए मगर वर्तमान समय में हमारी पीढ़ी में किसी खास दिन को एक खास तरीके से मनाने का फैशन है, जिस वजह से भारत के दूसरे राष्ट्रपति पहले उपराष्ट्रपति और महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने की प्रथा 1975 से शुरू की गई है।

तब से लेकर आज तक भारत के हर स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विभिन्न प्रकार के समारोहों के जरिए खूबसूरत तरीके से सबके समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।इसी के साथ आज 5 सितंबर को हम शिक्षक दिवस मना रहे हैं और इसी तरह हर दिन अपने शिक्षक को सम्मान देते हुए हम आगे भी भारतीय संस्कृति के अनुसार शिक्षक दिवस की पारंपरिक प्रथा को निभाते रहेंगे

Teacher Day Kiski Yaad Me Manaya Jata Hai

Teacher day kab hai यह दिन देश भर में शिक्षकों को उनकी बहुमूल्य सेवा और योगदान के लिए सम्मान और सम्मान देने के लिए विशेष है। 19वीं सदी में शिक्षक दिवस मनाना शुरू हुआ। इसकी जड़ें महान विद्वान-शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन में हैं। 5 सितंबर को इस महान शिक्षक का जन्मदिन है। उस दिन के दौरान आमतौर पर शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों या स्थानीय शिक्षक और उनके प्रभावों का स्मरण किया जाता

भारतीय स्कूल शिक्षक दिवस (Teacher Day) को अपनी पूरी भव्यता और भव्यता के साथ मनाते हैं। वे उस विशेष दिन पर अपने शिक्षकों के लिए एक विशेष स्थान प्रदान करके उनके प्रति अपना प्यार और सम्मान प्रदर्शित करने का प्रयास करते हैं। शिक्षक दिवस अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। डोमिंगो फॉस्टिनो सार्मिएंटो के मृत्यु दिवस को अर्जेंटीना में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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शिक्षक दिवस से सीखने योग्य बातें

  • आप अपने शिक्षक से संघर्षशील बनना सीख सकते हैं क्योंकि एक शिक्षक का जीवन जटिलता और अनेकों चुनौतियों से भरा रहता है।
  • आप अपने शिक्षक से समय की कीमत करना सीख सकते हैं, क्योंकि एक शिक्षक समय का पाबंद होता है।
  • एक शिक्षक अनुशासन का पर्याय होता है, आप अपने विद्यार्थी जीवन में अपने शिक्षक से अनुशासित रहना सीख सकते हैं।
  • एक शिक्षक राष्ट्रनिर्माण में अपना जीवन लगा देता है, आप अपने शिक्षक से राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ भाव से समर्पित रहना सीख सकते हैं।
  • एक शिक्षक सकारात्मकता का प्रकाश पुंज होता है, जो समाज को अपने ज्ञान से प्रकाशित करता है। आप भी अपने शिक्षक से सकारात्मक रहना सीख सकते हैं।

दोस्तों आपने teacher day kab hai इस पोस्ट को अंत तक पढ़ कर समझ गए होंगे शिक्षक दिवस क्यों , कब और कैसे मनाया गया सब कुछ जान गए होंगे।

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